Thursday, November 13, 2014

CULTURAL MOVEMENT IN THE CITY - 12NOV 2014

मुक्तिबोध नाट्य समारोह का आगाज़

12 नवम्बर 2014 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 18वां मुक्तिबोध राष्ट्रीय नाट्य समारोह प्रारम्भ हुआ। प्रसिद्ध रंगकर्मी पूनम तिवारी ने दीप प्रज्जवलित कर इसकी शुरूआत की। उन्होने अपने गीत संगीत और नृत्य का शानदान प्रदर्शन किया। उन्होने हबीब तनवीर को याद करते हुए नाटकों में गाए गाने सुनाकर दर्शकों और श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।  

इसके बाद जानी मानी रंगकर्मी और फिल्म अभिनेत्री सीमा बिस्वास के एक पात्रीय नाटक "स्त्रीपत्र" की प्रस्तुति हुई जिसे दर्शकों ने भरपूर सराहा।

प्रस्तुति के बाद सीमा बिस्वास द्वारा पूनम तिवारी को कुमद देवरस सम्मान दिया गया। पूनम तिवारी को यह सम्मान रंगकर्म के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले त्रिपुरारी शर्मा, ऊषा गांगूली, रानी बलबीर कौर एवं नादिरा बब्बर को यह सम्मान दिया जा चुका है। यह सम्मान रंगकर्म के क्षेत्र में योगदान के लिए हर साल किसी ना किसी महिला रंगकर्मी को दिया जाता है। 

पूनम तिवारी से पहली मुलाक़ात को याद करते हुए सीमा ने बताया कि करीब 25 साल पहले जब उन्होने हबीब तनवीर के साथ आईं पूनम तिवारी को देखा था, उनके गायन और नृत्य को देखा तो वो उन पर मोहित हो गई थीं बल्कि उन्हें ईर्षा होती थी कि वे ख़ुद इतना अच्छा डांस क्यों नहीं कर पाती, इतना अच्छा गा क्यों नहीं पाती। वहीं पूनम ने भी बताया कि उन दिनों केवल सीमा ही उनकी सबसे अच्छी दोस्त बन पाईं थी। दोनो ने बताया कि वे काफ़ी लम्बे अरसे से दोस्त हैं और एक दूसरे का सम्मान करती हैं। 



 









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