तेरा नाटक - मेरा नाटक- आओ खेलें नाटक नाटक
सुतनुका सोसाइटी फॉर
परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा रायपुर के सत्यम नगर, कचना में आयोजित एक महिने की नाट्य
कार्यशाला में बच्चे नाटक करना सीख रहे हैं। इस कार्यशाला में ज़्यादातर वे
बच्चियां हैं जो या तो अपनी पढ़ाई छोड़ चुकी हैं या फिर छोडने के बाद अभी फिर से
शुरू की है।
कार्यशाला के संचालक
रवीन्द्र गोयल ने बताया सम्पन्न परिवारों के बच्चों को इस तरह की गतिविधियों में
शामिल होने का मौक़ा मिलता रहता है लेकिन ग्रामीण परिवेश में रहने वाले इन बच्चों
को ऐसे अवसर कम ही मिलते हैं। इसलिए सुतनुका सोसाइटी ने इस बार इन बच्चों के बीच
नाट्य कार्यशाला आयोजित करने का फ़ैसला किया। शुरू में कुछ डर भी लग रहा था कि पता
नहीं बच्चे आएंगे या नहीं लेकिन जब पहले ही दिन 13 बच्चियों ने अपनी रुचि ज़ाहिर की
तो हिम्मत बंधी और देखते ही देखते करीब 25 बच्चों ने अपना पंजीकरण कराया। जो हमारे
लिए एक उपलब्धि थी। फ़िलहाल रोज़ ये बच्चे आ रहे हैं और कार्यशाला में तरह तरह की
जानकारियां ग्रहण कर रहे हैं।
पिछले एक सप्ताह में इन
बच्चों ने कुछ व्यायाम सीखें और अभी नियमित रूप से उन्हें घर पर भी दोहरा रहे हैं।
इन्होने स्वर, व्यंजन एवं उनके उच्चारण के विषय जाना। इस बीच बच्चों को ‘नवरस’ और
उनके स्थायी भाव के बारे में भी जानकारी दी गई। इम्प्रोवाइज़ेशन क्लास के बाद से
बच्चे ख़ुद छोटी-छोटी बातों को नाटक के द्वारा प्रस्तुत करके दिखाते हैं। इस बीच बच्चों
को थियेटरीकल प्रोपर्टीज़ के अलग–अलग इस्तेमाल के बारे में भी सिखाया जा रहा है।
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