Sunday, October 12, 2014

Poster Release 'SMRITI SHESH THEATRE FESTIVAL' in the memories of Dr. Shankar Shesh


डॉ. शंकर शेष के नाटकों का समारोह - 'स्मृति शेष '
राजधानी होगी नाटकों से सराबोर
डॉ. शंकर शेष के नाटक ही नाटक
स्मृति में डॉ. शेष

संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़ शासन और सुतनुका सोसाइटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स के संयुक्त तत्वाधान में आगामी 16 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच ‘स्मृति शेष’ नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान डॉ. शेष के लेखन कार्य पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया जाएगा।

समारोह का पोस्टर रिलीज़ करते हुए संस्कृति विभाग संचालक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस दौरान डॉ. शंकर शेष के तीन नाटकों का मंचन किया जाएगा जिसे प्रदेश की तीन नाट्य संस्थाएं मंचित करेंगी। सुतनुका सोसाइटी की ओर से नाटक ‘फंदी’ का मंचन किया जाएगा जिसका निर्देशन रवीन्द्र गोयल ने किया है। ‘आधी रात के बाद’ नाटक का निर्देशन रितेश मेश्राम ने किया है जिसका मंचन इप्टा भिलाई की ओर से किया जाएगा और तीसरा नाटक ‘एक और द्रोणाचार्य’ का मंचन अग्रगामी संस्था की ओर से किया जाएगा जिसका निर्देशन वरीष्ठ रंगकर्मी जलील रिज़वी ने किया है।

संचालक चतुर्वेदी जी के मुताबिक इस समारोह का प्रमुख उद्देश्य डॉ. शंकर शेष को नमन करना एवं विनम्र श्रृद्धांजली अर्पित करना है और लोगों के समक्ष उनकी क़लम से रंगे कुछ बेशक़ीमती पन्नों को रंगमंच के माध्यम से प्रस्तुत करना है।

सुतनुका सोसाइटी के अध्यक्ष रवीन्द्र गोयल ने बताया कि डॉ. शेष हमारे ही प्रदेश बिलासपुर के रहने वाले थे। 2 अक्टूबर को जन्में डॉ. शंकर शेष की पुण्यतिथि भी 28 अक्टूबर को है। वे अपने नाटकों में गम्भीर से गम्भीर बात भी इतनी सहजता से उठाते हैं कि लोग हमेशा से उनसे जुड़ा महसूस करते हैं। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए सुतनुका सोसाइटी ने पहली बार अपने प्रिय लेखक की स्मृति संजोए रखने की दृष्टि से इस नाट्य समारोह का आयोजन किया है और इसे नाम दिया है ‘स्मृति शेष नाट्य समारोह’, ताकि प्रदेश की जनता के मन में अपने लाडले लेखक की याद हमेशा बनी रहे।

रवीन्द्र ने बताया कि इस आयोजन में प्रदेश की ही तीन नाट्य संस्थाएं डॉ. शेष के तीन नाटकों की प्रस्तुति कर रही हैं और रंगमंच के सशक्त माध्यम से प्रदेश में नाट्य परम्परा को बनाए रखने और बढाने में अपना छोटा सा योगदान देने का प्रयत्न कर रहीं है। इस समारोह का एक उद्देश्य नए रंगकर्मियों में रंगमंच के प्रति जागरुकता पैदा करना भी है। 

इस दौरान वरीष्ठ रंगकर्मी जलील रिज़वी ने बताया कि डॉ. शेष उनके सबसे प्रिय लेखक हैं और वे हमेशा उनके नाटकों को मंचित करके नया उत्साह और रोमांच महसूस करते रहे हैं। यह समारोह भी बेशक नए रंगकर्मियों को रंगमंच की ओर प्रेरित करेगा।

नाट्य समारोह की रूपरेखा

संगोष्ठी
 ‘वर्तमान परिदृश्य में डॉ. शंकर शेष की लेखन की उपयोगिता’
समय एवं तिथि    : दोपहर 12 बजे, (गुरूवार) 16 अक्टूबर, 2014
स्थान            : सभागार, मंहत घासीदास संग्रहालय परिसर, रायपुर. छ.ग.

नाट्य प्रस्तुतियां

नाटक का नाम     : फंदी
लेखक            : डॉ. शंकर शेष
निर्देशक           : रवीन्द्र गोयल
संस्था             : सुतनुका सोसाइटी फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स
तिथि             : 17 अक्टूबर शुक्रवार

नाटक का नाम     : आधी रात के बाद 
लेखक            : डॉ. शंकर शेष
निर्देशक           : रितेश मेश्राम
संस्था             : इप्टा भिलाई
तिथि             : 18 अक्टूबर, शनिवार

नाटक का नाम     : एक और द्रोणाचार्य
लेखक            : डॉ. शंकर शेष
निर्देशक           : जलील रिज़वी
संस्था            : अग्रगामी
तिथि             : 19 अक्टूबर, रविवार

नोट 
: सभी नाटकों का मंचन शाम 7.30 बजे मुक्ताकाशी मंच, मंहत घासीदास संग्रहालय परिसर, रायपुर. छ.ग. में होगा।
: कृपया समय पर पहुंचकर अपना स्थान ग्रहण करें।
: सभी से विनम्र निवेदन है कि कृपया प्रस्तुति के दौरान अपने फ़ोन स्वीचऑफ़ करे दें या उसे साइलेंट मोड पर डाल दें ताकि किसी को असुविधा ना हो और आप भी बेहतर तरीक़े से नाट्य मंचन का मज़ा ले सकें।







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