सुतनुका की नाट्य कार्यशाला में बच्चियों ने सीखा ग़लत को ना कहना
सुतनुका सोसाइटी फॉर
परफोर्मिंग आर्ट्स द्वारा सत्यम नगर, कचना में महीने भर से चल रही नाट्य कार्यशाला
के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे सुभाष मिश्र ने कहा कि देश तेज़ी
से प्रगति कर रहा है और इसमें बहुत बड़ी भूमिका का महिलाओं की। उन्होंने कहा कि
कार्यशाला में इतनी अधिक संख्या में लड़कियों की भागीदारी देखकर खुशी होती है और
रंगमंच का भविष्य उज्जवल नज़र आता है|
उप-सरपंच ललित कुमार साहू ने कहा
की सुतनुका सोसायटी कार्यशाला के माध्यम से उन बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने का
काम कर रही है, वे बच्चियां जो अभी तक संकोचवश बोलने में कतराती थी अब खुलकर अपनी
बात कहने लगी हैं| ऐसे प्रयास होते रहने चाहिए|
महिला एवं बाल विकास की अनुपमा
तिवारी ने बताया कि इस कार्याशाला के बाद में बच्चियों में ज़बरदस्त उत्साह देख
पाती हूं। ग्रामीण परिवेश में काम करने के लिए संस्थाओं में उत्साह कम ही नज़र आता
है| लेकिन जिस साहस और उत्साह के साथ सुतनुका सोसाइटी ने इस ज़िम्मेदारी का निर्वहन
किया है वो प्रेरणादायक है और रंगमंच के
विकास के लिए इस संस्था की वचनबद्धता को साबित करता है|
सुतनुका सोसाइटी फॉर परफॉरमिंग
आर्ट्स के अध्यक्ष रवींद्र गोयल ने बताया कि संस्था रंगमंच के विकास के लिए लगातार
प्रयास करती रहेगी| अगर लोग रंगमंच के पास नहीं आ रहे हैं तो हमारी संस्था रंगमंच को लोगों के पास लेकर जाएगी ताकि
रंगमंच कहीं न कहीं हमारे संस्कार में शामिल हो पाए, और अगर ऐसा हो गया तो वो दिन
दूर नहीं जब हमें नाटक के लिए कलाकार या नाटककार ढूँढने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी बल्कि
हर जगह रंगमंच नज़र आएगा|
No comments:
Post a Comment